भिंड। शिकायतकर्ता रामसेवक दत्तक पुत्र हरनारायण शर्मा निवासी सिमराव ने पटवारी आशीष त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि पटवारी ने मिलीभगत से फर्जी एंट्री करके भूमि हड़पने और अवैध बंटवारे के जरिए राजस्व रिकॉर्ड में गड़बड़ी की। इस मामले में राजस्व मंत्री और कलेक्टर कार्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं।

प्रमुख आरोप और जांच रिपोर्ट:

1. फर्जी नामांतरण और परिवार को नुकसान:
शिकायतकर्ता का कहना है कि 1988 में खाता नंबर 47 में फर्जी फौती नामांतरण किया गया, जिससे उनके हिस्से में केवल 1/6 भूमि आई, जबकि उनके पिता की पूरी संपत्ति में उनका बड़ा हिस्सा था। पटवारी ने अपने परिवार के नाम पर भूमि दर्ज करा ली। जांच में पुष्टि हुई कि नामांतरण प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं।

2. रकबे में हेरफेर:
सर्वे नंबर 377 में शिकायतकर्ता के हिस्से की भूमि 2.70 हेक्टेयर से घटाकर 1.70 हेक्टेयर कर दी गई। 1.00 हेक्टेयर भूमि भगवान सिंह के नाम कर दी गई, जिसे बाद में पटवारी ने अपनी मां और मामी के नाम रजिस्ट्री कर दी।

3. अवैध बंटवारा और नक्शे में गड़बड़ी:
बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के, पटवारी ने नक्शे में बंटवारे की लाइनों को शामिल कर लिया। 2024 में पुराने आदेशों का हवाला देकर यह कार्रवाई की गई, जो राजस्व कानून का उल्लंघन है।

प्रभारी तहसीदार की भूमिका संदिग्ध

प्रभारी तहसीलदार जिनका मूल पद सहायक भू लेख अधीक्षक है लेकिन वर्तमान में तहसीलदार के पद पर पदस्थ है। उन्होंने बिना किसी वैधानिक आदेश के आशीष पटवारी को लाभ पहुंचाने के नीयत से बटवारा की लाइन नक्शे में।डाली जो जांच में स्पष्ट हो चुका है. यही नहीं एम एल शर्मा की पूर्व से कार्य प्रणाली  संदिग्ध रही है। ऐसा एक मामला ओर संज्ञान में आया को भिंड सर्किट हाउस से लगी जमीन विवाद में पूर्व से विक्रय से प्रतिबंधित जमीन को विक्रय से प्रतिबंध से मुक्त करते हुए उस पर बढ़ा घोल मॉल के पुनः विक्रय से प्रतिबंध की इसकी इसी कार्यप्रणाली से शहर के दो पटवारी आज भी सजा काट रहे है ऐसे बड़े महाशय की कार्यप्रणी से जिलाधीश बाकीब है पर इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करने में उनकी कलम क्यों नहीं चलती यह भी एक चर्चा का विषय मजे की बात यह है  पटवारी आशीष त्रिपाठी को पूरा संरक्षण जिसकी वजह से किसान को न्यायनमिलना मुश्किल है जब तक यह तहसीलदार पर पर है।

जांच निष्कर्ष:

  • तत्कालीन पटवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
  • राजस्व निरीक्षक की जांच रिपोर्ट में अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
  • शिकायतकर्ता को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई।
  • कलेक्टर कार्यालय ने मामले में FIR दर्ज करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

शिकायतकर्ता की मांग:

रामसेवक शर्मा ने एक आवेदन माननीय प्रभारी मंत्री जी  विभागीय मंत्री को देकर बिना किसी वैधानिक आदेश के बंटवारे की लाइन डलवाने वाले ए एस एल आर श्री एम एल शर्मा जो प्रभारी तहसीलदार है उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हुए तत्काल तहसीलदार के प्रभार से हटाने की ओर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाने का निवेदन किया है साथ ही पटवारी और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भूमि वापस दिलाने और राजस्व रिकॉर्ड को सही कराने की गुहार लगाई है।

अधिकारी का बयान:

राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच पूरी कर ली गई है। संबंधित अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी गई है, और दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।