'प्रोफेसर ने प्रोजेक्ट फाइल फेंककर मारा...' क्लासमेट ने बताई बीडीएस छात्रा के साथ हुई बदसलूकी की सच्चाई

Jyoti Suicide Case: ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस की छात्रा ज्योति शर्मा की मौत ने पूरे शिक्षा जगत को झकझोर दिया है। 18 जुलाई को हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई 21 साल की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के पीछे की वजह जानने के लिए जांच जारी है। इस दौरान पुलिस जांच के केंद्र में एक प्रोजेक्ट फाइल आ गई है। जिसे लेकर कथित तौर पर उसे अपमानित किया गया और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
10 जुलाई को प्रोजेक्ट फाइल जमा करने पर लगा गंभीर आरोप
दांतों की डॉक्टर बनने का सपना लेकर ग्रेटर नोएडा की शादरा यूनिवर्सिटी में पढ़ने आई हरियाणा के गुरुग्राम निवासी ज्योति शर्मा ने 10 जुलाई को 'डेंचर सैंपल' नामक प्रोजेक्ट जमा किया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति शर्मा की एक सहपाठी ने बताया कि उसी दिन एक प्रोफेसर ने क्लास में उसे फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाकर डांटा और भविष्य में चेहरा न दिखाने की चेतावनी दी। इस घटना से वह भावनात्मक रूप से टूट गई और रोने लगी। उसने स्पष्ट किया कि उसने कोई फर्जी साइन नहीं किया।
14 जुलाई को ज्योति के पिता कैंपस में बुलाए गए
ज्योति के सहपाठियों का कहना है कि इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ज्योति के पिता को 14 जुलाई को कैंपस बुलाया। ज्योति के पिता ने पुलिस को बताया कि एचओडी और प्रोफेसर से हुई बैठक में उन्होंने बेटी पर मानसिक दबाव डाले जाने की बात कही थी। उस दौरान एचओडी ने उन्हें आश्वस्त किया था कि आगे कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन ज्योति ने अपनी एक दोस्त से कहा था कि कुछ प्रोफेसर का व्यवहार अब भी प्रताड़नात्मक है।
16 जुलाई को बदले-बदले अंदाज में नजर आई ज्योति
ज्योति के सहपाठियों की मानें तो 16 जुलाई को ज्योति ने खुद को बेहतर दिखाने की कोशिश करते हुए शॉर्ट हेयरकट करवाया। इस दौरान दोस्तों के बीच ज्योति ने कहा था "मुझे बदलाव की जरूरत थी।" इसपर दास्तों ने उसकी तारीफ की, लेकिन अंदर से वह अब भी परेशान थी। उसी दिन एक अन्य प्रोफेसर ने उसे 'बहुत शिकायत करने वाली' कहकर फिर से डांट दिया। इसके बाद ज्योति और परेशान हो गई।
18 जुलाई को क्या हुआ?
18 जुलाई को ज्योति ने मौत से कुछ घंटे पहले क्लास में भाग लिया और लैब वर्क किया। इस दौरान वह एक प्रोफेसर से सैंपल प्रोजेक्ट पर साइन करवाने गई तो उसने तंज कसते हुए कहा "तुम तो अपना साइन खुद कर लेती हो।" इसके बाद जब वह एक अन्य प्रोफेसर से साइन करवाने गई तो फिर फर्जीवाड़े का आरोप लगा। एक सहपाठी ने बताया कि वह रोते हुए लैब में लौटी, काम पूरा किया और शाम 4 बजे कहा कि वह रूम जा रही है। इसके बाद कुछ ही लोगों ने उसे देखा। रात करीब 9 बजे वह अपने कमरे में मृत पाई गई।
एफआईआर, जांच और आरोप
ज्योति के पिता की शिकायत पर नोएडा पुलिस ने शारदा यूनिवर्सिटी के डीन, एचओडी समेत पांच फैकल्टी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। दो प्रोफेसरों को कथित सुसाइड नोट में प्रताड़ना के लिए जिम्मेदार बताया गया है, उन्हें पुलिस ने घटना वाले दिन ही हिरासत में ले लिया था। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने एक आंतरिक जांच कमेटी बनाई है। जबकि ज्योति के सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए गए प्रोफेसरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
अब भी बाकी हैं कई सवाल
इन तमाम बातों के बीच भी अभी ऐसे कई सवाल हैं, जिनके उत्तर पुलिस खोज रही है। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि क्या ज्योति को निशाना बनाया जा रहा था या वास्तव में दस्तावेज़ों में कोई कमी थी? हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से अभी तक सार्वजनिक तौर पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन एक एक फैकल्टी सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि प्रैक्टिकल मानकों के अनुरूप नहीं होते तो कॉलेज का लाइसेंस खतरे में पड़ सकता था। इसलिए अगर ज्योति को किसी प्रोजेक्ट के लिए कुछ कहा गया है तो उसे सकारात्मक रूप से इसे लेना चाहिए था।
हालांकि फैकल्टी सदस्य की इस बात को ज्योति की एक दोस्त ने खारिज कर दिया। ज्योति की दोस्त का कहना था कि वह पढ़ाई में औसत से ऊपर थी। इसी के चलते फर्स्ट ईयर में ज्योति को 600 में से 368 अंक मिले थे। वह पढ़ाई को लेकर बहुत सीरियस रहती थी। बहरहाल, पुलिस अभी अपनी जांच-पड़ताल में जुटी हुई है। उम्मीद है कि इस केस की सच्चाई से जल्द ही पर्दा उठेगा।