नई दिल्ली: भारत मंडपम में चल रहे दिल्ली मशीन टूल्स एंड मैन्यूफैक्चरिंग टैक्नोलॉजी एक्सपो में बिना पानी के चलने वाला कूलर और बिजली बचाने वाली मशीन लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. हॉल नंबर 4, 5 और 6 में चल रहे इस शो में बड़ी संख्या में 230 कंपनियों द्वारा अपने-अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है. हॉल नंबर 4 में लगाई गई एक स्टॉल पर बिना पानी के चलने वाले कूलर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. यह कूलर बिना पानी के ही ठंडी हवा देता है. निर्माता ने बताया कि यह कूलर हल्की सी नमी से ही ठंडी हवा देने का काम करता है. इसकी कीमत 6000 रुपए है, लेकिन अभी यह एक्सपो में डिस्काउंट में 5500 रूपये में मिल रहा है.

40% बिजली की खपत को कम करती है मशीन : साथ ही हॉल नंबर 4 के ही एक स्टॉल पर बिजली बचाने वाली मशीन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. स्टॉल पर मौजूद मशीन को बनाने वाली कंपनी के कर्मचारी अजय ने बताया कि यह मशीन हम घर में किसी बोर्ड में लगा करके पावर सेविंग कर सकते हैं. आपके घर में बिजली की खपत जितनी भी है इस मशीन के इस्तेमाल करने से यह बिजली की खपत 40% तक कम हो जाती है.

एक्सपो में भारी छूट के साथ बेची जा रही मशीनें : उन्होंने मशीन का डेमो दिखाते हुए यह दिखाया कि अगर 7 वाट का लोड घर में इस्तेमाल हो रहा है तो वह मशीन लगते ही घटकर चार वाट रह जाता है. उन्होंने बताया कि घर में डोमेस्टिक उपयोग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन की कीमत 2000 रुपए है. इस समय एक्सपो में यह 1500 रूपये में एक के साथ एक फ्री दी जा रही है. उन्होंने बताया कि बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में बिजली के कमर्शियल उपयोग को कम करने के लिए बड़ी मशीन भी बनाई गई है, उसकी कीमत 5000 से 10000 रूपये तक है.

कंपनी के पदाधिकारी दावे के साथ मशीनों की बता रहे विशेषता :कंपनी के पदाधिकारी आरडी चौधरी ने बताया कि यह मशीन लोगों के बिजली बिल को कम करके उन्हें आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने का भी काम कर रही है. अगर मशीन से बिजली का बिल या बिजली खपत कम नहीं होती है तो कोई भी हमारे पटेल नगर के ऑफिस में आकर के शिकायत कर सकता है. उन्होंने बताया कि यह मशीन बिजली की वायरिंग में होने वाले लाइन लॉस को कम करती है और बिजली के करंट की सप्लाई को बाधित होने से रोकती है, जिससे बिजली की खपत कम होती है. इससे बिजली बिल भी कम आता है.

भारत मंडपम में 12 मई तक हो रहा है एक्सपो का आयोजन :बता दें कि इंडियन मशीन टूल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने प्रगति मैदान में उत्तर भारत के प्रमुख मशीन टूल शो दिल्ली मशीन टूल एंड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी एक्सपो और फैक्टरी इक्विपमेंट एक्सपो का आयोजन किया है. इंडियन मशीन टूल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएमटीएमए) ट्रेड फेयर्स के ज्वाइंट डायरेक्टर महेश एमके ने बताया कि एक्सपो का आयोजन 9 से 12 मई तक किया जा रहा है. इसमें 20% विदेशी कंपनी और 80% भारती कंपनियां शामिल हुई हैं.

एक्सपो का उद्देश्य बाजार नई तकनीक और मशीनों की जानकारी देना है: इस एक्सपो का उद्देश्य बाजार में आयी नवीन तकनीक को बिजनेस करने वाले व्यापारियों और उनका इस्तेमाल करने वाले लोगों तक पहुंचना है ताकि नई तकनीक और मशीनों से किस तरह से काम को आसान बनाया जा सकता है इसकी जानकारी उन्हें मिल सके. उन्होंने बताया कि पहले दो दिन एक्सपो में बाहर से आने वाले विजिटर्स की संख्या कम रही. लेकिन कल से जब भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ उसके बाद से आज बड़ी संख्या में विजिटर एक्सपो में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक्सपो अपने पाँचवे संस्करण में है और यह मेटलवर्किंग मशीनरी, उसके उपकरणों की नवीनतम तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए एक केंद्रित मंच है.

मशीन टूल उद्योग में दुनिया में नौंवे स्थान पर है भारत : इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विजय मित्तल और आईटीपीओ के कार्यकारी निदेशक प्रेमजीत लाल ने संयुक्त रूप से किया. आईएमटीएमए के अध्यक्ष राजेन्द्र एस. राजामणे और महानिदेशक एवं सीईओ जिबक दासगुप्ता ने बताया कि इस एक्सपो के आयोजन से भारतीय कंपनियों को उपभोक्ताओं तक पहुंचने में काफी मदद की है.

एक दशक में भारतीय मशीन टूल्स के क्षेत्र में तीन गुना हुई वृद्धि : भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव विजय मित्तल ने बताया कि पिछले एक दशक में भारतीय मशीन टूल्स के क्षेत्र में तीन गुना वृद्धि हुई है. हम निर्माण क्षेत्र में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं. हम उन विशेष तकनीकों की तलाश कर रहे हैं जो भारत की निर्माण क्षमताओं को विश्वस्तरीय बना सकें.

भारत मशीन टूल उद्योग में उत्पादन में है 9वें स्थान पर : आईएमटीएमए के अध्यक्ष राजेन्द्र एस. राजामणे ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत मशीन टूल उद्योग में उत्पादन में 9वें स्थान और उपभोग में 6वें स्थान पर है. उपभोग में 17% की वृद्धि दर्ज की गई है. प्रेमजीत लाल ने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है.