नई दिल्ली: मई के बाद भीषण गर्मी और लू के लिए पहचाने जाने वाले जून माह की शुरुआत भी इस बार आश्चर्यजनक ही रही। रविवार को माह के पहले ही दिन मौसम के करवट ले लेने से एकाएक फिजा बदल गई। इससे गर्मी ही कम नहीं हुई बल्कि तापमान भी खासा गिर गया। मौसम विभाग की मानें तो अभी सप्ताह भर तक लू चलने के कोई आसार भी नहीं हैं।

अगले दो दिन के लिए तो वैसे भी आंधी एवं बारिश का येलो अलर्ट है। रविवार को यूं तो सुबह ही धूप निकल गई थी। लेकिन गर्मी के तेवर उतने तीखे नहीं थे। बादलों की लुकाछिपी भी बीच बीच में जारी थी। अपराहन तीन बजे के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिला।

पहले कब थी आंधी की इतनी रफ्तार?
मौसम विभाग ने येलो अलर्ट पहले से ही जारी किया हुआ था। देखते ही देखते बादल छा गए और तेज आंधी चलने लगी, जिसकी गति पालम में 96 किमी प्रति घंटे तक रिकॉर्ड की गई। इससे पहले आंधी की इतनी रफ्तार 31 मई 2022 को 100 किमी प्रति घंटा रही थी। आंधी के बाद कहीं बूंदाबांदी, कहीं हल्की तो कहीं कहीं थोड़ी तेज बारिश रिकार्ड की गई।

आंधी- बारिश के दौरान राजधानी के तापमान में 14 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली। मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में अचानक हुए इस बदलाव की कई कारकों का संयुक्त प्रभाव रहा।

उत्तरी पाकिस्तान व हरियाणा के ऊपर निचले स्तर पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ था। इससे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया। अरब सागर से नमी का प्रवाह लगातार चल ही रहा है तो कई अन्य मौसमी परिस्थितियां भी इसमें सहायक बन गईं।

आज कैसा रहेगा मौसम?
रविवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.3 डिग्री अधिक 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री कम 37.9 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 98 से 45 प्रतिशत तक रिकार्ड हुआ। जहां तक बारिश का सवाल है तो रात साढ़े आठ बजे तक 16.8 मिमी दर्ज की गई।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सोमवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। गर्जन वाले बादल बनने, बिजली चमकने, 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवा चलने और हल्की बारिश होने की संभावना है।

हवा की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे तक भी जा सकती है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 37 व 23 डिग्री रह सकता है। मंगलवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है। सप्ताह भर तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री व न्यूनतम 28 डिग्री से नीचे ही रहेगा। मालूम हो कि मई माह पिछले 15 साल में दूसरा सबसे कम गर्म रहा था। इस बार जून भी अपनी चिर परिचित पहचान से अलग रिकार्ड बना सकता है।